रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को यहां परेड मैदान में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. भाजपा सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे.
यह आयोजन निजाम शासन के अधीन तत्कालीन हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में विलय की वर्षगांठ (17 सितंबर 1948) मनाने के लिए आयोजित किया जाता है. देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में एकीकृत करने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष एन रामचंदर राव ने लोगों से बड़ी संख्या में परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में शामिल होने का आग्रह किया.
17 सितम्बर 1948 की घटना की तेलंगाना में विभिन्न दलों द्वारा अलग-अलग व्याख्या की जाती है. केंद्र सरकार पिछले कई वर्षों से ‘मुक्ति दिवस’ का आयोजन करती आ रही है. तेलंगाना सरकार, इस दिन को ‘प्रजा पालना दिनोत्सवम’ (जनता के शासन दिवस का उत्सव) के रूप में मनाएगी. जबकि पिछली बीआरएस सरकार ने इस दिन को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया था.
भाजपा पिछले दो दशकों से मांग कर रही है कि 17 सितम्बर का दिन निजाम के अत्याचारी शासन से हैदराबाद राज्य की मुक्ति का दिन है. राज्य सरकार द्वारा इस दिन को आधिकारिक रूप से मनाया जाना चाहिए. भाजपा नेताओं का आरोप है कि अविभाजित आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के गठन के बाद की सरकारों ने तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण 17 सितंबर को आधिकारिक रूप से मनाने से इनकार कर दिया.
सीपीआई 17 सितम्बर को कम्युनिस्टों के नेतृत्व में हुए ‘तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष’ की सफल परिणति के रूप में मनाती है, जिसके बारे में पार्टी का कहना है कि इसने निजाम को हैदराबाद राज्य को भारतीय संघ में विलय करने के लिए मजबूर किया था.
