हैदराबाद को AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी का इलाका माना जाता है. यह माना जाता है कि यहां उनका राज चलता है, लेकिन अब उसी’ओवैसी के गढ़’में हैदराबाद यूनिवर्सिटी में ABVP ने ऐसा धमाका किया है कि सब दंग रह गए. सात साल बाद ABVP ने स्टूडेंट्स यूनियन चुनाव में क्लीन स्वीप कर लिया यानी सभी 6 पदों पर एबीवीपी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर ली.यही नहीं कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI को तो NOTA (नोटा) से भी कम वोट मिले.अब सवाल यह है कि पिछले 6-7 साल से इस यूनिवर्सिटी में वामपंथी CPI(M)की विंग SFI यानी स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, दलित ग्रुप ASA (अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन)और NSUI का दबदबा था लेकिन इस बार यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जीत हासिल की है.इस चुनाव में सबसे बुरा हाल NSUI का है. तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है लेकिन HCU में NSUI को NOTA से भी कम वोट मिले.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में एसएफआई के एक छात नेता के हवाले से कहा गया है कि इस बार एएसए के साथ गठबंधन इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि आंबेडकरवादी संगठन ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीन की स्टूडेंट विंग मुस्लिम र्स्टूडेंटस फेडरेशन और जमात ए इस्लामी के युवा संगठन फ्रेटरनिटीको गठबंधन में शामिल करने का दबाव दे रहा था.इधर एएसए के एक नेता ने कहा कि एसएफआई मुस्लिम छातों को हाशिए पर धकेलने का प्रयास कर रहा था.
ABVP से कौन-कौन जीता चुनाव?
अध्यक्ष: शिवा पालेपु (पीएचडी शोधार्थी,पशु जीव विज्ञान).
उपाध्यक्ष: देवेंद्र (पीएचडी स्टूडेंट).
महासचिव: श्रुति प्रिया (पीएचडी अर्थशास्त्र).
संयुक्त सचिव: सौरभ शुक्ला (एमबीए स्टूडेंट).
सांस्कृतिक सचिव: वीनस (इंटीग्रेटेड एमए, भाषा विज्ञान).
खेल सचिव: ज्वाला (पीएचडी हिंदी).
