हाल ही में ‘कुबेर’ और ‘कूली’ जैसी फिल्मों में नजर आए साउथ सुपरस्टार नागार्जुन ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन से एक दिन पहले विश किया है. नागार्जुन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने कुछ पुराने किस्सों का जिक्र किया है.
मंगलवार, 16 सितंबर को नागार्जुन ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक दिल छू लेने वाला वीडियो अपलोड किया है. वीडियो अपलोड करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा है, ‘नरेंद्र मोदी जी अपने 75वें जन्मदिन के करीब पहुंच रहे हैं. मैं 2014 में उनसे हुई अपनी पहली मुलाकात को याद कर रहा हूं. व प्रेरणा, दयालुता और जीवन के सबक से भरा पल था. उनके अच्छे स्वास्थ्य और निरंतर नेतृत्व की प्रार्थना के साथ उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.’
वीडियो में उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया. उन्होंने वीडियो की शुरुआत नमस्तेजी से किया. उन्होंने अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए कहा, ‘ मैं पीएम मोदी से सबसे पहले 2014 में गांधीनगर में मिला था. प्रधानमंत्री ने मुझे विनम्रता बनाए रखने और अपनी सहानुभूति बनाए रखने की सलाह दी. मोदी जी ने ही मेरे पिता को उनके शताब्दी वर्ष पर सम्मानित किया था. महोदय, भारत को आपके मार्गदर्शन की आवश्यकता है.’
बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड में एएनआर गारू को श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां उन्होंने तपन सिन्हा, राज कपूर और मोहम्मद रफी जैसे दिग्गजों का भी सम्मान किया. उन्होंने तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री को चेन्नई से हैदराबाद स्थानांतरित करने में एएनआर गारू के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने सिनेमा से परे एएनआर गारू के योगदान को स्वीकार किया और शिक्षा एवं परोपकार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के बारे में बताया. उन्होंने फिल्म मेकर्स के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र, अन्नपूर्णा स्टूडियो की स्थापना की और गुडिवाड़ा में अक्किनेनी नागेश्वर राव कॉलेज जैसे संस्थानों की स्थापना और समर्थन करके शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इसी साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में एक्टर नागार्जुन से मुलाकात की थी. नागार्जुन ने उन्हें ‘महान अभिनेता अक्किनेनी का विराट व्यक्तित्व’ पुस्तक उपहार में दी, जो प्रसिद्ध तेलुगु एक्टर अक्किनेनी नागेश्वर राव को उनकी 100वीं जयंती पर सम्मानित करती है. यह पुस्तक पद्म भूषण से सम्मानित प्रोफेसर यार्लागड्डा लक्ष्मी प्रसाद द्वारा लिखी गई है.
