हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश से हालात खराब हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से मैदानी इलाकों में बाढ़ और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। कांगड़ा जिले के कई मैदानी इलाके जलमग्न हो गए हैं जबकि चंबा में बादल फटने और भूस्खलन से नुकसान हुआ है। साथ ही लाहौल-स्पीति और चंबा की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई है। इससे पहाड़ों में ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 25 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं 26 अगस्त को शिमला और सिरमौर जिले में मौसम खराब रहने का अनुमान है। 27 अगस्त को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में और 28 अगस्त को कुल्लू और मंडी जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। मौसम विभाग ने 29 और 30 अगस्त को भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में जलभराव से नया सीडीपीओ ऑफिस और बाजार जलमग्न हो गए हैं। इससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। दुकानों में सामान खराब हो रहे हैं। सरकारी दफ्तर पानी में डूबे हैं। फतेहपुर, नूरपुर और जवाली विधानसभा क्षेत्रों के कई हिस्से भी जलमग्न हैं। जिला के जसूर में गरेली खड्ड उफान पर है। इससे रेलवे और बस पुल के पास पानी बह रहा है।
बीते 24 घंटे में मंडी जिले के पंडोह में सबसे ज्यादा 123 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा सोलन के कसौली में 105 मिमी, जोत में 104 मिमी, मंडी और करसोग में 68-68 मिमी बारिश दर्ज की गई। पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे के बौड़ क्षेत्र में नदी लबालब भर गई है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के किनारे न जाने और सतर्क रहने की अपील की है।
